Biological Process Class 10 ncert

जैव प्रक्रम | Biological Process

 

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पोषण किसे कहते हैं ? स्वपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है ?

उत्तर पोषण जिस विधि द्वारा जीव पोशक तत्वों को ग्रहण कर उसका उपयोग करता है उसे पोषण कहते हैं।

पोषण के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। (i) स्वपोषी पोषण (ii) विषमपोषी पोषण

स्वपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में निम्नलिखित अंतर इस प्रकार है।

स्वपोषी पोषण

विषमपोषी पोषण

(i) वह पोषण जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं तैयार कर ग्रहण करता है इस प्रक्रिया को स्वपोषी पोषण कहते हैं।

(ii) स्वपोषी पोषण की प्रक्रिया हरे पौधों में पाई जाती है।

(iii) स्वपोषी पोषण में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है।

(i) वह पोषण जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बना कर किसी दूसरे जीव पर निर्भर करता है और अपना भोजन ग्रहण करता है तो इस प्रक्रिया को विषमपोषी पोषण कहते हैं।

(ii) विषमपोषी पोषण की प्रक्रिया सभी जंतुओं में पाई जाती है।

(iii) विषमपोषी पोषण में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है।

हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहां होता है?

उत्तर हमारे शरीर में वसा का पाचन क्षुद्रांत के आग्र भाग में होता है। यह प्रक्रिया मानव शरीर के अनुसार संपन्न होता है। जब मानव भोजन करता है तो भोजन को पी छोटे-छोटे कणों में विघटित कर देता है तो इस प्रक्रिया को इमल्सीकरण कहते हैं। जिसमें इमल्सीकृत वसा क्षुद्रांत में पहुंच कर अग्नाशय रस में मिल जाता है। और लाइपेज एंजाइम वसा कणों से मिलकर उसे वसा अम्ल तथा गिलसरोल में बदल देता है। इस प्रकार क्षुद्रांत में वसा का पाचन हो जाता है।

हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन के कमी के कारण क्या परिणाम हो सकते हैं ?

उत्तर हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से एनीमिया नामक रोग हो जाता है जिसके कारण मानव को कमजोरी, थकान, चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि परेशानी होने लगती है।

भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है ?

उत्तर भोजन के पाचन में ला की निम्नलिखित भूमिका है।

(i) यह मुंह की खोल को साफ रखती है।

(ii) यह मुंह की होल में चिकनाई पैदा करती है।

(iii) यह भोजन को चिकना एवं मुलायम बनाती है।

मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है ?

उत्तर मानव के शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का परिवहन रुधिर द्वारा होता है रुधिर फेफड़ों में उपस्थित ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न कोशिकाओं में पहुंचाने का काम करती है और कार्बन डाइऑक्साइड को रुधिर विभिन्न कोशिकाओं से फेफड़ों तक पहुंचाने में काम करती है इस प्रकार मानव में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन होता है।

वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है ?

उत्तर वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में निम्नलिखित अंतर इस प्रकार है

वायवीय श्वसन

अवायवीय श्वसन

(i) वायवीय श्वसन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है।

(ii) वायवीय श्वसन में अधिक ऊर्जा मुक्त होती है

(iii) वायवीय श्वसन कोशिका के माइट्रोकोंडिया में संपन्न होती है।

(i) अवायवीय श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होती है।

(ii अवायवीय श्वसन में कम ऊर्जा मुक्त होती है

(iii) अवायवीय श्वसन कोशिका के जीव द्रव्य में संपन्न होती है।

अपवहन किसे कहते हैं ?

उत्तरवह प्रक्रिया जिसके द्वारा रक्त में उपस्थित पदार्थों के छोटे अणु छान लिया जाता है तो उस प्रक्रिया को अपवहन कहते हैं

वसा का वहन शरीर के अंदर किसके माध्यम से होता है ?

उत्तरवसा का वहन शरीर के अंदर लसीका के माध्यम से होता है।

उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं ?

उत्तरउत्सर्जी उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, जलवाष्प, लवण, रेजिन, टेनिन, लेटक आदि से छुटकारा पाने के लिए पादपों में कोई विशेष अंग नहीं होती है इन पदार्थों को निष्कासित करने के लिए पत्तियां के रंध्र, छाल, फूल, फल इत्यादि का उपयोग कर उत्सर्जी उत्पाद को बाहर निकलता है।

मनुष्य में दोहरा परिसंचरण का व्याख्या करें। यह क्यों आवश्यक है ?

उत्तरदोहरा परिसंचरण- मनुष्य में रक्त को उसके हृदय से दो बार होकर गुजरना पड़ता है यानी मनुष्य के हृदय में रक्त दो बार प्रवाहित होती है जिसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं। यह दोहरा परिसंचरण की प्रक्रिया मानव के लिए आवश्यक होता है शरीर के विभिन्न भागो से अशुद्ध रक्त हृदय में पाया जाता है और ह्रदय से शुद्ध होकर रक्त पुनः शरीर के विभिन्न भागों में भेज दिया जाता है इस प्रकार रक्त को हृदय से दो बार प्रवाहित होता है। इसलिए रक्त को हृदय से दो बार प्रवाहित होने की प्रक्रिया को दोहरा परिसंचरण कहते हैं।

 

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